विद्यार्थियों के मध्य सेवा-भावना एवं संगठनात्मक क्षमता उत्पन्न करने की दृष्टि से रेंजर्स/रोवर्स
दल, जो स्काउटिंग गाइडिंग का उच्च रूप हंै, भी महाविद्यालय में संचालित है। यह सामाजिक विषमताओं,
कुरीतियांे, अंधविश्वासों को दूर करन े के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों मंे सामाजिक सहायता का कार्य करता
है। इसमें निष्ठापूर्वक किये गये महŸवपूर्ण कार्यों पर राष्ट्रपति पदक तक प्राप्त हो सकते हैं। भारत वर्ष में
स्काउट एवं गाइड आंदोलन राष्ट्र-निर्माण ,राष्ट्रीय एकता और विशेषतः युवा वर्ग के मानसिक, शारीरिक एवं
आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है। इस आन्दोलन के विस्तार की प्रक्रिया
को सुदृढ़ करने के लिए वैडेन पावेल ने युवा वर्ग को रोवर्स/रेंजर्स की संज्ञा देते हुए उनके दलों की
स्थापना पर बल दिया था। युवा शक्ति को अनुशासनबद्ध करने, उनमें सेवाभाव, भाईचारा ,संगठन एवं नेतृत्व
की भावना विकसित करने तथा सुखद भविष्य के निर्माणार्थ दिशा मूलक सिद्धान्तों से अवगत कराने की दृष्टि
से इस महाविद्यालय में ‘रोवर्स क्रू‘ तथा ‘रेंजर टीम‘ की स्थापना की गयी है। 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग
को ‘रोवर्स क्रू‘ तथा छात्राओ ंके वर्ग को ‘रेंजर दल‘ का नाम दिया गया है। प्रत्येक दल मे ं24 सदस्य
होंगे।